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रूस्ती: अच्छे भले सोया करते थे कभी, आखिर कौन होंगे

रूस्ती: अच्छे भले सोया करते थे कभी, आखिर कौन होंगे वो लोग जो रातो की नींद उड़ा देते हैं?

प्रभात: सपने, उम्मीद और जिम्मेदारियों का न पूरा होने वाला एहसास, ये ही हैं वो लोग।।

"prabhat ki poetry" #रूस्ती:अच्छे भले सोया करते थे कभी, 
आखिर कौन होते होंगे वो लोग जो रातों की नींद उड़ा ले जाते हैं।।

प्रभात: सपने, उम्मीद, गम और जिम्मेदारियों का न पूरा होने का एहसास ,यही हैं वो लोग 

          "Prabhat ki poetry"
#prabhatkipoetry#iamthebest
रूस्ती: अच्छे भले सोया करते थे कभी, आखिर कौन होंगे वो लोग जो रातो की नींद उड़ा देते हैं?

प्रभात: सपने, उम्मीद और जिम्मेदारियों का न पूरा होने वाला एहसास, ये ही हैं वो लोग।।

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आखिर कौन होते होंगे वो लोग जो रातों की नींद उड़ा ले जाते हैं।।

प्रभात: सपने, उम्मीद, गम और जिम्मेदारियों का न पूरा होने का एहसास ,यही हैं वो लोग 

          "Prabhat ki poetry"
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