न कोई तफ़्तीश न तहक़ीक़ात, तु सजा के काबिल है एकतरफा इश्क़ है जुर्म, तू खुद का ही कातिल है अंजाम नही है अच्छा इस राह के भटके राहगीरों का है बेशुमार नफरत जहा और तू जरा से इश्क़ में शामिल है ।। "बेशुमार नफरत जरा सा इश्क़" #yqbaba #yqdidi #wordship #yopowrimo #yqshayari #yqkavi #yqhindiurdu #banarasi_writes