Home and Mother घर की आत्मा होती है माँ दीये की लौ सी रहती रौशन आंचल सदा महके जैसे चंदन अपनी परवाह कभी करती नहीं परेशानियों से जरा भी डरती नहीं है उनका भाग्य उज्जवल यहाँ माँ की होती है सदैव कद्र जहाँ #मां#आंचल#प्रेम