चाँद ना चंदा की चाँदनी से मोहब्बत का इज़हार करती है! ना सूरज की गर्मी से जलन की शिकायत करती है!! हर किसी के जख्मों को अपने सीने में दफ़न करती है!!! "वसुंधरा" लिबाज़ सिर्फ ख़ामोशी का पहना करती है! बोलकर अपने लबों को आजाद नही करती है!! "बारिश का इंतजार" तो ये भी बेसुमार करती है!!! धरती माँ के लिए💐💐💐 #kumaripooja