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कविता शीर्षक -न्याय पर प्रश्नचिह्न मेरे अन्दर की

 कविता शीर्षक -न्याय पर प्रश्नचिह्न 
मेरे अन्दर की लेखिका,

मुझे जला रही है।

कई बार बैठे हुए ,सोते हुए

यूँ लगता है
 कविता शीर्षक -न्याय पर प्रश्नचिह्न 
मेरे अन्दर की लेखिका,

मुझे जला रही है।

कई बार बैठे हुए ,सोते हुए

यूँ लगता है

कविता शीर्षक -न्याय पर प्रश्नचिह्न मेरे अन्दर की लेखिका, मुझे जला रही है। कई बार बैठे हुए ,सोते हुए यूँ लगता है #Poetry #HindiPoem #justiceforasifa #aasthagangwar #socialpoem