अच्छे लोगों की इज्जत* कभी कम नहीं होती सोने के सौ टुकड़े करो, फिर भी कीमत कम नहीं होती। भूल होना "प्रकृत्ति" है, मान लेना "संस्कृति" है, और उसे सुधार लेना "प्रगति" है