Nojoto: Largest Storytelling Platform

फ़रियाद

फ़रियाद                                                                  ★★★ गीतिका ★★★
तुम फ़रियादी का फ़रियाद बनो ,
बस यही आस लिए मैं बैठा हूँ ! 
एक प्यासा चातक पक्षी जैसा , 
  मन में बस प्यास लिए मैं बैठा हूँ !!
इन शबनम बूदों की चाहत में मैं ,
 ऋतु बरखा के इंतजार में बैठा हूँ !
तुम कलियों से मुस्कुराओ ज़रा ,
अरमानो की याद सजोये बैठा हूँ !
इस तम हृदय में कोई पुष्प खिले ,
 उम्मीद का दीपक जलायें बैठा हूँ !!
तुम जिस पथ की बाग बहार बनो ,
उस पथ पर नयन बिछाए बैठा हूँ !
तुम पूर्णिमा रात की चाँदनी बनो ,
सारी रात खुद को जगाए बैठा हूँ !!
उस दामिनी के कामिनी सूरत का,
छवि दर्पण का मेहमान बन बैठा हूँ !
आंखे पथरा गयी हैं पत्थर निहारते ,
 प्रेम पथ का मैं अनजान बन बैठा हूँ !!

--{{{ कवि राहुल पाल }}}-- #fariyad 
                                                                 ★★★ गीतिका ★★★
तुम फ़रियादी का फ़रियाद बनो ,
बस यही आस लिए मैं बैठा हूँ ! 
एक प्यासा चातक पक्षी जैसा , 
  मन में बस प्यास लिए मैं बैठा हूँ !!
इन शबनम बूदों की चाहत में मैं ,
 ऋतु बरखा के इंतजार में बैठा हूँ !
फ़रियाद                                                                  ★★★ गीतिका ★★★
तुम फ़रियादी का फ़रियाद बनो ,
बस यही आस लिए मैं बैठा हूँ ! 
एक प्यासा चातक पक्षी जैसा , 
  मन में बस प्यास लिए मैं बैठा हूँ !!
इन शबनम बूदों की चाहत में मैं ,
 ऋतु बरखा के इंतजार में बैठा हूँ !
तुम कलियों से मुस्कुराओ ज़रा ,
अरमानो की याद सजोये बैठा हूँ !
इस तम हृदय में कोई पुष्प खिले ,
 उम्मीद का दीपक जलायें बैठा हूँ !!
तुम जिस पथ की बाग बहार बनो ,
उस पथ पर नयन बिछाए बैठा हूँ !
तुम पूर्णिमा रात की चाँदनी बनो ,
सारी रात खुद को जगाए बैठा हूँ !!
उस दामिनी के कामिनी सूरत का,
छवि दर्पण का मेहमान बन बैठा हूँ !
आंखे पथरा गयी हैं पत्थर निहारते ,
 प्रेम पथ का मैं अनजान बन बैठा हूँ !!

--{{{ कवि राहुल पाल }}}-- #fariyad 
                                                                 ★★★ गीतिका ★★★
तुम फ़रियादी का फ़रियाद बनो ,
बस यही आस लिए मैं बैठा हूँ ! 
एक प्यासा चातक पक्षी जैसा , 
  मन में बस प्यास लिए मैं बैठा हूँ !!
इन शबनम बूदों की चाहत में मैं ,
 ऋतु बरखा के इंतजार में बैठा हूँ !

#fariyad ★★★ गीतिका ★★★ तुम फ़रियादी का फ़रियाद बनो , बस यही आस लिए मैं बैठा हूँ ! एक प्यासा चातक पक्षी जैसा , मन में बस प्यास लिए मैं बैठा हूँ !! इन शबनम बूदों की चाहत में मैं , ऋतु बरखा के इंतजार में बैठा हूँ ! #Nojotochallenge #nojotopoetry #nojotohindi #nojotoquotes #nojotoapp #nojotonews #nojotohindishayari

Home
Explore
Events
Notification
Profile