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डरों मत।

डरों मत।                                                  जब मैं ने उसे देखा तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा । उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रखकर कहा , मत डर ; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूँ ( प्रकाशितवाक्य १ : १७ ) । _ _ जब आप वचनो का अध्ययन करेंगे , तो आप खोंजेंगे कि हमेशा परमेश्वर हम से कहता है , “ डरो मत " ; चाहे वह सुबह , दोपहर या रात हो ; इसके बावजूद कि आप क्या सुनते या कौन से लक्षणो को महसूस करते है , वह आपके हृदय में डर को नही चाहता है । क्योंकि वह सारी वस्तुओ को जानता है ; वह भविष्य को जानता है ; और वह देख सकता है कि कुछ भी आपके विरोध में नही है या आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता । वह अनंत प्रभु है और अनंतता में रहता है । वह आरंभ से ही अंत को देखता इसलिए , जब आप किसी वस्तु के विषय में चिंतित है और चाहते है कि वह उसी समय काम करे , तो वह अविचलित और कभी भी जल्दबाजी में नहीं होता है , क्योंकि उसने पहले ही देख लिया है कि आपने प्रबलता पाई है । आपका भविष्य उसके लिए इतिहास है । जब आप अब्राहम की कहानी का अध्ययन करेंगे , तो आप ध्यान देंगे कि परमेश्वर ने उसको उसके भविष्य का इतिहास बताया ; उसने उससे कहा , " . . . मैने तुझे बहुत से देशो का पिता बना दिया है ” ( उत्पत्ति १७ : ५ ) । उस समय , अब्राहम की कोई संतान नही थी ; किंतु परमेश्वर के दिमाग में , यह पहले से ही हो चुकी बात थी । उसका भविष्य परमेश्वर के लिए इतिहास था । आज आपके साथ भी ऐसा ही है । डरिए मत , क्योंकि उसने सबकुछ देख लिया है और वह जानता है कि आपके आगे ऐसा कुछ भी नही है जो आपको हराने या नष्ट करने के योग्य है । कुछ भी नहीं ! इससे कोई अंतर नही पडता कि आप कहाँ है या आप इस विश्व में कहाँ रहते है ; आपके रास्ते में कोई सीमाएँ नही है । परमेश्वर आपसे चाहता है कि आप केवल उसके वचन के पीछे चले । उसका वचन आपकी विजय , समृद्धि और सफलता की गारंटी देता है । उसका वचन हर शत्रु और हर बुराई के विरोध में आपका हथियार है । उसका वचन आत्मा की तलवार है । अगर आप उसके वचन के द्वारा जीएँगे और इसे अपने मुँह में रखेंगे , तो कुछ भी आपको रोक नही पाएगा । इसलिए सीमाओ को हटा दीजिए । अपने आपसे कहिए , “ मेरा दिमाग से सारी सीमाएँ चली गई है ! मैं बन सकता हूँ और वह सब बनूँगा जो परमेश्वर मुझे बनाना चाहता है । मैं एक सफलता हूँ ! " परमेश्वर की महिमा हो ! घोषणा मैं निर्भिक और बहुत साहसी हूँ ! परमेश्वर का वचन मुझमें वह पैदा कर रहा है जिसके विषय में यह बात करता है और मैं विश्व की हर सीमित करनेवाली व्यवस्था के ऊपर उठता हूँ । मेरे पास एक असाधारण योग्यता है समझने की , सोचने की , देखने की , और असीमित संभावनाओ को समझने की , और कोई भी स्थिती या चुनौति मुझे हरा नहीं सकती , क्योंकि मैं उन्नति , उठाव , और प्रमोशन की स्थाई यात्रा में ला दिया गया हूँ । परमेश्वर की महिमा हो !

डरों मत। जब मैं ने उसे देखा तो उसके पैरों पर मुर्दा सा गिर पड़ा । उसने मुझ पर अपना दाहिना हाथ रखकर कहा , मत डर ; मैं प्रथम और अन्तिम और जीवता हूँ ( प्रकाशितवाक्य १ : १७ ) । _ _ जब आप वचनो का अध्ययन करेंगे , तो आप खोंजेंगे कि हमेशा परमेश्वर हम से कहता है , “ डरो मत " ; चाहे वह सुबह , दोपहर या रात हो ; इसके बावजूद कि आप क्या सुनते या कौन से लक्षणो को महसूस करते है , वह आपके हृदय में डर को नही चाहता है । क्योंकि वह सारी वस्तुओ को जानता है ; वह भविष्य को जानता है ; और वह देख सकता है कि कुछ भी आपके विरोध में नही है या आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकता । वह अनंत प्रभु है और अनंतता में रहता है । वह आरंभ से ही अंत को देखता इसलिए , जब आप किसी वस्तु के विषय में चिंतित है और चाहते है कि वह उसी समय काम करे , तो वह अविचलित और कभी भी जल्दबाजी में नहीं होता है , क्योंकि उसने पहले ही देख लिया है कि आपने प्रबलता पाई है । आपका भविष्य उसके लिए इतिहास है । जब आप अब्राहम की कहानी का अध्ययन करेंगे , तो आप ध्यान देंगे कि परमेश्वर ने उसको उसके भविष्य का इतिहास बताया ; उसने उससे कहा , " . . . मैने तुझे बहुत से देशो का पिता बना दिया है ” ( उत्पत्ति १७ : ५ ) । उस समय , अब्राहम की कोई संतान नही थी ; किंतु परमेश्वर के दिमाग में , यह पहले से ही हो चुकी बात थी । उसका भविष्य परमेश्वर के लिए इतिहास था । आज आपके साथ भी ऐसा ही है । डरिए मत , क्योंकि उसने सबकुछ देख लिया है और वह जानता है कि आपके आगे ऐसा कुछ भी नही है जो आपको हराने या नष्ट करने के योग्य है । कुछ भी नहीं ! इससे कोई अंतर नही पडता कि आप कहाँ है या आप इस विश्व में कहाँ रहते है ; आपके रास्ते में कोई सीमाएँ नही है । परमेश्वर आपसे चाहता है कि आप केवल उसके वचन के पीछे चले । उसका वचन आपकी विजय , समृद्धि और सफलता की गारंटी देता है । उसका वचन हर शत्रु और हर बुराई के विरोध में आपका हथियार है । उसका वचन आत्मा की तलवार है । अगर आप उसके वचन के द्वारा जीएँगे और इसे अपने मुँह में रखेंगे , तो कुछ भी आपको रोक नही पाएगा । इसलिए सीमाओ को हटा दीजिए । अपने आपसे कहिए , “ मेरा दिमाग से सारी सीमाएँ चली गई है ! मैं बन सकता हूँ और वह सब बनूँगा जो परमेश्वर मुझे बनाना चाहता है । मैं एक सफलता हूँ ! " परमेश्वर की महिमा हो ! घोषणा मैं निर्भिक और बहुत साहसी हूँ ! परमेश्वर का वचन मुझमें वह पैदा कर रहा है जिसके विषय में यह बात करता है और मैं विश्व की हर सीमित करनेवाली व्यवस्था के ऊपर उठता हूँ । मेरे पास एक असाधारण योग्यता है समझने की , सोचने की , देखने की , और असीमित संभावनाओ को समझने की , और कोई भी स्थिती या चुनौति मुझे हरा नहीं सकती , क्योंकि मैं उन्नति , उठाव , और प्रमोशन की स्थाई यात्रा में ला दिया गया हूँ । परमेश्वर की महिमा हो !

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