खर भी चूषण कर रहे, अफवाहों के बाजारों में, शुद्ध हवा दूषण कर रहे, जयचंदों के बहकावे में। *खर-गधा; ✍️लिकेश ठाकुर खर भी चूषण कर रहे, अफवाहों के बाजारों में, शुद्ध हवा दूषण कर रहे, जयचंदों के बहकावे में। *खर-गधा; ✍️लिकेश ठाकुर