प्रेम नहीं कोई बंधन बेड़ी, प्रेम नहीं कोई राह टेढ़ी। प्रेम की कीर्ति अमर अचल है, प्रेम अमिय रुपी तरल है। कटुता में सब खो जाता है, प्रेम में मानव सब पाता है। सिंधु अगाध सा ह्रदय हो तो, रिपु भी अपना बन जाता है। ~Himanshu #प्रेम #love #Zindagi