तुम्हारे साथ अभी बहुत पल बिताने बाकी है हाथो में हाथ थाम कर चलना है मुझे मगर चलना नही जुदाई वाली राहों पे,,, कुछ तेरी बातो का ज़हर है ऐसे ही नही भिगड़ी तबीअत मेरी पूछ लें चाहे इन धुएं भरी हवायों से,, यूँ तो तू मेरा ही है कोई संदेह नही मगर आज परायापन सा झलक रहा था तेरी लिखी हुई कविताओं में,, Neetu_$harmA❤POete$$✒