ख़्वाहिश चाँद की और चमकती आंखों में तारे भी, ज़िन्दगी लेकर आई सर्द-सर्द वक़्त,और शरारे भी। खुशियां नाजुक थीं,नज़र लगना लाज़िमी ही था, लाख,दुआएँ मांगी हमने और सदक़े लाख उतारे भी। एक एक चाहत का जनाज़ा था सारी उम्र पर भारी, और हमने भी ज़िंदा रहने को,अरमान बहुत मारे भी। दिल कम्बख़त,तेरी मजबूती परखने की ख़ातिर, वक़्त ने रह रह कर क़हर दिल पे कई गुजारे भी। चलो तुम ही बड़े हो जाओ,मैं धूल बनके ही खुश हूं, चाहने वालो से कई बाजियाँ जान बूझ कर हारे भी। #ज़िन्दगी #life #lessonsoflife #सबक #रिश्ते #हक़ीक़त #reality