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क्या हुआ साहब जो घर नहीं रहा, ये खुला आसमां भी तो

क्या हुआ साहब जो घर नहीं रहा,
ये खुला आसमां भी तो घर से कम नहीं..

लुट गया सब तो क्या हुआ,
मौत के आगे झुकने वाले भी हम नहीं..

बना लेंगे फ़िर एक बार आशियाना,
बन गए हैं पत्थर हुई बिल्कुल भी आंखें नम नहीं..

कर लेंगे सबर हम फ़िर एक बार,
ऐसे भी तो ज़िन्दगी में दर्द पहले से ही कम नहीं..
...Balwinder Pal #flood
क्या हुआ साहब जो घर नहीं रहा,
ये खुला आसमां भी तो घर से कम नहीं..

लुट गया सब तो क्या हुआ,
मौत के आगे झुकने वाले भी हम नहीं..

बना लेंगे फ़िर एक बार आशियाना,
बन गए हैं पत्थर हुई बिल्कुल भी आंखें नम नहीं..

कर लेंगे सबर हम फ़िर एक बार,
ऐसे भी तो ज़िन्दगी में दर्द पहले से ही कम नहीं..
...Balwinder Pal #flood