उन्हें बदलते बदलते मैं ख़ुद बदलने लगा था वीरान जिधर,उधर को निकलने लगा उलझ गया उनके सागर-सा फैले सपन में सो सारे ख़्याल चुटकियो से मसलने लगा ---अंकित आनंद #ख़्याल #मुहब्बत #प्यार #सपने