मैं आज एक गांठ खोल रही थी... गांठ तो खुल गयी.. मगर देखा तो डोर अलग अलग हो चुकी थी। कभी कभी यहीं हाल हमारे रिश्तों की की की पड़ी गाठों मे होता हैं, उसे खोलने के जल्दबाजी मे हम ना जाने कितनी बार रिश्तों के रफ्फ़ू को खोल देतें हैं और जो रिश्ता चल रहा था वो टूट कर अलग हो जाता हैं, गांठ खोलना तो ठीक हैं मगर ध्यान रहे उसे बड़े ही प्यार और नर्मी से ही खोले और अपने रिश्तों को संभाले रखे... lamho_ki_guzarishe Trisha R S... ✍️ #kuch_galtiyan #zindgi #love #life