एक उम्मीद बंधीं थी आज वो भी टूट गई, गलती किसी और की और वो मुझसे रूढ़ गई। अब उसे मनाने की जिद्द छोड़ देता हूँ, और मेरे दिल को उसके ही हाल पर छोड़ देता हूँ। नहीं हासिल होगी उसकी मुहब्बत ये मैं जानता था, मगर नफरत खत्म हो जाएगी ऐसा ये दिल मानता था। मगर फिर यूँ रूसवा हो कर जो अब दूर जाएगी, मुझको मुझसे ही नफरत करने को मजबूर कर जाएगी। रूह ने जिस्म से पूछा क्यूँ अब तो तुझमें दिल ही नहीं है, छोड़ दी सारी खुदा-ई अब मुझमें कोई हसरत ही नहीं है। 😭✍Sayershudhansu #Sayershudhansu