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कोई हैरत नही तू बदल जाए पत्थर की मूरत भी पिघल

कोई  हैरत  नही  तू  बदल जाए
पत्थर की मूरत भी पिघल जाए
भावनाओ को ना यूँ समझ सका
दिल  पता  ना  ऐसे  मचल जाए

मेरे हालात मुझकों  संभाले हुए
दिल के पास अपने बुलाले मुझे
सहर को  मुद्दत  से इंतज़ार रहा
कोई पास आकर जगा-ले मुझे

-आकिब जावेद






 कोई  हैरत  नही  तू  बदल जाए
पत्थर की मूरत भी पिघल जाए
भावनाओ को ना यूँ समझ सका
दिल  पता  ना  ऐसे  मचल जाए

मेरे हालात मुझकों  संभाले हुए
दिल के पास अपने बुलाले मुझे
सहर को  मुद्दत  से इंतज़ार रहा
कोई  हैरत  नही  तू  बदल जाए
पत्थर की मूरत भी पिघल जाए
भावनाओ को ना यूँ समझ सका
दिल  पता  ना  ऐसे  मचल जाए

मेरे हालात मुझकों  संभाले हुए
दिल के पास अपने बुलाले मुझे
सहर को  मुद्दत  से इंतज़ार रहा
कोई पास आकर जगा-ले मुझे

-आकिब जावेद






 कोई  हैरत  नही  तू  बदल जाए
पत्थर की मूरत भी पिघल जाए
भावनाओ को ना यूँ समझ सका
दिल  पता  ना  ऐसे  मचल जाए

मेरे हालात मुझकों  संभाले हुए
दिल के पास अपने बुलाले मुझे
सहर को  मुद्दत  से इंतज़ार रहा
nojotouser8903340118

Akib Javed

New Creator

कोई हैरत नही तू बदल जाए पत्थर की मूरत भी पिघल जाए भावनाओ को ना यूँ समझ सका दिल पता ना ऐसे मचल जाए मेरे हालात मुझकों संभाले हुए दिल के पास अपने बुलाले मुझे सहर को मुद्दत से इंतज़ार रहा #Poetry #Quotes #kavishala #dpf #principle #akib #हिंदीनामा