सुबह का छह
बादल लाल है
धूप मानो बस उनको चीर मेरी खिड़की की दहलीज़ पर खटखटाने को तैयार हो
सन्नाटे के बीच गाड़ियों की आवाज़ आना भी शुरू हो चुकी है
और आज बिना अलार्म के खुद ब खुद उठा हूँ
इसलिए ऐसा माना जा सकता है की
नींद पूरी हो चुकी है।।
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