रेल की तरह सफ़र करता है प्रेम अनवरत, उड़ते हैं किस्से कहानियों के धुएँ, और प्रतिरक्षा के लिए क्राॅस आते हैं रास्ते में, मग़र हल्का रुककर चलता रहता है। Khetdan charan