मेरे सपनों को अब एक उड़ान मिल गई, ज़माने में मुझे इक नई पहचान मिल गई । जो कभी घर से बाहर की दुनिया नहीं देखा, लग रहा है शौहरत दौलत इनाम में मिल गई।। निकला था सूरज से पहले घर पहुंचने को तो , रास्ते में अचानक थकान की शाम मिल गई । हौसले ने हाथ थाम लिया गिरते वक़्त अंधेरे में, जान जाने वाली थी की फ़िर से जान मिल गई।। #NojotoQuote #Mere_Sapne_Mujhe___By_SJT मेरे सपनों को अब एक उड़ान मिल गई, ज़माने में मुझे इक नई पहचान मिल गई । जो कभी घर से बाहर की दुनिया नहीं देखा, लग रहा है शौहरत दौलत इनाम में मिल गई।। निकला था सूरज से पहले घर पहुंचने को तो ,