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बैठ कर घर पर अभी, आराम फरमाते ही हो, सरहदों की आंच

बैठ कर घर पर अभी, आराम फरमाते ही हो,
सरहदों की आंच से खून खौलाते भी हो, 

खुद सड़क पर तो उतर कर धूप तक झेली नहीं,
सरहदों पर क्या करें ये बात समझाते भी हो,

Cell के बटन को टीपने से, आंसू नहीं रुकते मियां,
सारी हिम्मत internet पर तुम दिखलाते ही हो,

कुछ नहीं होगा वो दो कौड़ी के कुछ संदेश से,
जानते हो तुम, मगर ये बात झुठलाते भी हो,

है बखूबी फर्ज़ का निर्वाह करती फौज ए हिन्द,
और इक तकलीफ पर तुम तिलमिलाते ही हो, 

जो मुहब्बे वतन हो तो इतना सब्र तो रक्खो मियां,
जाहिलो की मान कर, गर्दन क्यों कटवाते ही हो,

कागज़ी हर बात तेरी, अस्ल में बकवास है,
सिर्फ गुर्राते हो या पंजे  झलकाते भी हो,

एक जुट आवाज़ उट्ठे तेरी मेरी   इस तरह,
तकबीरों से अपनी सदा  दुश्मन को दहलाते ही हों

है मुबारक "सिंह" को हर जिम्मेदारी मुल्क की,
ये तुम्हारा है गुनाह कि रहो जिम्मेदारी सरकाते ही हो, #NojotoQuote #pulwama#courage#propaganda#hatemongering#duty#sence#realisation#pride#फर्ज़#जिम्मेदारी#जज़्बात#sensation
बैठ कर घर पर अभी, आराम फरमाते ही हो,
सरहदों की आंच से खून खौलाते भी हो, 

खुद सड़क पर तो उतर कर धूप तक झेली नहीं,
सरहदों पर क्या करें ये बात समझाते भी हो,

Cell के बटन को टीपने से, आंसू नहीं रुकते मियां,
सारी हिम्मत internet पर तुम दिखलाते ही हो,

कुछ नहीं होगा वो दो कौड़ी के कुछ संदेश से,
जानते हो तुम, मगर ये बात झुठलाते भी हो,

है बखूबी फर्ज़ का निर्वाह करती फौज ए हिन्द,
और इक तकलीफ पर तुम तिलमिलाते ही हो, 

जो मुहब्बे वतन हो तो इतना सब्र तो रक्खो मियां,
जाहिलो की मान कर, गर्दन क्यों कटवाते ही हो,

कागज़ी हर बात तेरी, अस्ल में बकवास है,
सिर्फ गुर्राते हो या पंजे  झलकाते भी हो,

एक जुट आवाज़ उट्ठे तेरी मेरी   इस तरह,
तकबीरों से अपनी सदा  दुश्मन को दहलाते ही हों

है मुबारक "सिंह" को हर जिम्मेदारी मुल्क की,
ये तुम्हारा है गुनाह कि रहो जिम्मेदारी सरकाते ही हो, #NojotoQuote #pulwama#courage#propaganda#hatemongering#duty#sence#realisation#pride#फर्ज़#जिम्मेदारी#जज़्बात#sensation