Nojoto: Largest Storytelling Platform

रोजे से ईद तक मुकद्दस महीने को हम बड़े एहतराम से म

रोजे से ईद तक मुकद्दस महीने को हम बड़े एहतराम से मनाते हैं
क्या हम उस रब के पैगाम को भी समझ पाते हैं

इंसानों की दुनिया को कोशिश है इंसानियत सिखाने की
भूखे प्यासे तरसते लोगों की जिंदगी को समझ पाने की

महीने भर के रोजे को हम त्योहार समझते हैं
सोचो जो गरीब सालों भर भूख को तरसते हैं

एक दिन की ईद हमें ढेरों खुशियां ले आती है
अपनों के घर की सेवइयां रुह को मीठी कर जाती है

हाथ रखो तुम उनके सर पर जिनकी जिंदगी में है प्यास भरी
रात गुजरती है उम्मीद पर कल ना रहेगा घर में फांका कसी

समझ सको जो इस्लाम को दर्द बांटती है अपनों की हर घड़ी
जिता हर शख्स है जीवित रहे वही कर सके इंसानियत की रहनुमाई

©Farah Naz #massageofishlam
रोजे से ईद तक मुकद्दस महीने को हम बड़े एहतराम से मनाते हैं
क्या हम उस रब के पैगाम को भी समझ पाते हैं

इंसानों की दुनिया को कोशिश है इंसानियत सिखाने की
भूखे प्यासे तरसते लोगों की जिंदगी को समझ पाने की

महीने भर के रोजे को हम त्योहार समझते हैं
सोचो जो गरीब सालों भर भूख को तरसते हैं

एक दिन की ईद हमें ढेरों खुशियां ले आती है
अपनों के घर की सेवइयां रुह को मीठी कर जाती है

हाथ रखो तुम उनके सर पर जिनकी जिंदगी में है प्यास भरी
रात गुजरती है उम्मीद पर कल ना रहेगा घर में फांका कसी

समझ सको जो इस्लाम को दर्द बांटती है अपनों की हर घड़ी
जिता हर शख्स है जीवित रहे वही कर सके इंसानियत की रहनुमाई

©Farah Naz #massageofishlam
farahnaz8670

Naz

Silver Star
New Creator