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भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को

भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को अपनी नजर से देखना भी नही आता है,जहा चिंगारी की गुंजाइश न हो वहां आग लग जाती है,अपना घर न जले बस फिक्र इसकी है, सारा जमाना इसी के फिक्र में
चलते जाता है और सबके साथ सबका घर जल जाता है.
......कुँवर सुरेन्द्र भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को अपनी नजर से देखना भी नही आता है,जहा चिंगारी की गुंजाइश न हो वहां आग लग जाती है,अपना घर न जले बस फिक्र इसकी है, सारा जमाना इसी के फिक्र में
चलते जाता है और सबके साथ सबका घर जल जाता है.
......कुँवर सुरेन्द्र
#bheed#gunzahish#sansaar#jahan
भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को अपनी नजर से देखना भी नही आता है,जहा चिंगारी की गुंजाइश न हो वहां आग लग जाती है,अपना घर न जले बस फिक्र इसकी है, सारा जमाना इसी के फिक्र में
चलते जाता है और सबके साथ सबका घर जल जाता है.
......कुँवर सुरेन्द्र भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को अपनी नजर से देखना भी नही आता है,जहा चिंगारी की गुंजाइश न हो वहां आग लग जाती है,अपना घर न जले बस फिक्र इसकी है, सारा जमाना इसी के फिक्र में
चलते जाता है और सबके साथ सबका घर जल जाता है.
......कुँवर सुरेन्द्र
#bheed#gunzahish#sansaar#jahan

भीड़ बनकर चलते है जमाने वाले एक भेड़ की तरह,किसी को अपनी नजर से देखना भी नही आता है,जहा चिंगारी की गुंजाइश न हो वहां आग लग जाती है,अपना घर न जले बस फिक्र इसकी है, सारा जमाना इसी के फिक्र में चलते जाता है और सबके साथ सबका घर जल जाता है. ......कुँवर सुरेन्द्र #Bheed#gunzahish#Sansaar#jahan #विचार