पर्वतों को पार कर, कुछ कर कुछ कर, कुछ भी कर, ये करने का दौर है तु बस ना न कर चल इन रास्तो पर होकर अब बेखोफ़ तु मन्ज़िल तुझे मिलेगी ही अब थोडा सबर कर ले तु, आसमा अब दूर नहीं तुझ्से ,ना दूर चान्द और तारा है, थोड़ी ही दूर है अब मन्ज़िल, फ़िर ये जहाँ हमारा है! तु बस खुद पर कर भरोसा, न कर अन्ज़ाम कि कोइ फ़िकर,. तुझे बस रास्तों पर चलना है, तु बस इतना सा काम कर! singhanku motivational poetry.... new written