उस सर्द सुबह को उसने मिलने बुलाया था और इक सर्द सुबह उसने मिलने को बुलाया था हकीकत नही है यारों हमे ये खाब आया था इज़हार-ए-इश्क़ कर रहे थे वो और हम मना बदला हकीकत का यूँ हमने खाबों मे चुकाया था 'सार' बदला इन्कारे इश्क़ का खाबों मैं लिया हमने #सार #शायरी