घूँट भर नींद की प्यासी अखियों को नीर की चादर ना दीजो श्याम, मीरा रंग केसरी उगते सूरज सा शाम के कच्चे रंगों से ना रंगियो श्याम, लफ्ज हया ओढ़ें हैं मीरा के इनमें बस मिल जाइयो श्याम, मन में ना बसियो मीरा के बैराग में तू बसियो श्याम.... वन्दना #मीरा