पुरानी यादें पुरानी बातें / बस याद आती है वक़्त फिसलता जाता है रेत सा सिर्फ तन्हाई हांत आती है... जैसे आसमान से तारे टूट कर धरती पर कहीं खो जाते हैं, तुम भी मुझ आसमान से टूटें और किसी और के धरती में कहीं खो गए। जो अब वापस नही आसकता ... ©authoreye #NojotoQuote तारा पुरानी यादें पुरानी बातें / बस याद आती है वक़्त फिसलता जाता है रेत सा सिर्फ तन्हाई हांत आती है... ◆जैसे आसमान से तारे टूट कर धरती पर कहीं खो जाते हैं, तुम भी मुझ आसमान से टूटें और किसी और के धरती में कहीं खो गए। जो अब वापस नही आसकता ...