एक तू है, एक चाँद है तुम्हारी आँखों की नमी नही विश्वास का चमक चाहिए जो दीपक प्रज्वलित है प्रेम का बस उसकी रौशनी चाहिए जिसके पास जो होता है वही वो दे सकता है तुमने जितना प्यार दिया वो तेरे हृदय की सुंदरता है मैने तो कुछ भी न दिया न तुमने कभी शिकायत किया एक भूले पथिक को जैसे मंजिल का पता दे दिया कितनी तुम महान हो सारे गुणों की खान हो परिणामों की चिंता नही जैसे निर्मुक्त संत महान हो कुछ अंश तुम्हारा जो मुझ में होता कर्मो पर बस ध्यान होता अपने साथ वैसे जोड़ा मुझको जैसे खोजा करता था मैं तुझको कितनी कृपा करोगी मुझपे मैं ऋण उतार न पाउँगा जो तुम न होगी जीवन मे तो फिर मैं अब कैसे जी पाउँगा जैसे मुझको तुम चाहती हो मैं भी हरपल तुम्हे चाहता हूँ बस ऐसे हीं प्रेम लुटाते रहना चाहे भला बुरा कुछ भी कहना। आगे #में पढ़े please❤✍ तुम्हारी आँखों की नमी नही विश्वास का चमक चाहिए जो दीपक प्रज्वलित है प्रेम का बस उसकी रौशनी चाहिए जिसके पास जो होता है वही वो दे सकता है तुमने जितना प्यार दिया वो तेरे हृदय की सुंदरता है