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एक वक्त था जब ख्वाबों की बोझ से पलकें नहीं खुलती थ

एक वक्त था जब ख्वाबों की बोझ से पलकें नहीं खुलती थी और आज एक वक्त है रातों में सोच के ये पलके बंद ही नहीं होतीं  #nojoto #nojotocomedy #satyaprem sir #nojotowriters #hindi #nojotophotography
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