मौसम भी बरसात का हो रखा है, उम्र के साथ नशा शबाब का हो रखा है । जाम लबों पर लगाते ही तेरी तस्वीर छाने लगी, थोड़ा होश आया तो देखा, नशा शराब का हो रखा है।। उसकी दहलीज़ पर जाकर खिड़कियों पर नज़र फेरी, तो देखा पूरा मोहल्ला उसकी एक झलक को बेताब हो रखा है। आई वो कुछ समय बाद खिड़की पर बाल सूखने, ये क्या, अमावस के दिन भी चाँद का दीदार हो रखा है । दिल एक बार फिर उसके लिए बेताब हुआ, फिर याद आया अरे, हमे तो नशा शराब का हो रखा है।। शबाब = जवानी #shayari #hindishayari #poetry #nojotashayaries #onesidedlove