लम्हें आज फिर से उन लम्हों की याद रुला गई, जो गुजरते वक़्त के साथ मुझे कहीं भुला चुकी है, चाहता हूं कि वो पल ना सही पर इंसान तो मिले कभी, पर वक़्त की कश्मकश कबका उस शख्स को सुला चुकी है। देर हो चुकी है।।