तुम्हें न खो दूँ मुझे ये डर है, नया नया सा अभी सफ़र है! तुम्हारी सोहबत की आदतें हैं, ये सब वफाओं का ही असर है! तुम्हारे दम से ही रौनकें हैं, तुम्ही से मेरी गुजर बसर है..! फ़िदा हूँ तुम पर हदों से ज्यादा, तुम्ही कहो क्या तुम्हे खबर है? सभी के हिस्से में है मोहब्बत, मेरा नतीजा सनम सिफ़र है..! ये दूरियों के उदास लम्हे, रगों में घुलता हुआ ज़हर है.! मिटा दो शिक़वे स्वतंत्र मेरे, तुम्हें भी हमसे वफ़ा अगर है.! सिद्धार्थ मिश्र #Nojoto #NojotoHindi #साहित्य #हिंदी #love #shayari #WritersSpecial #वफ़ाओं_का_असर #Hindi #स्वतंत्र