मैं अकेली... मैं हूँ अब बिल्कुल अकेली कहना भी है अजब पहेली सूरज भी होता है अकेला चंदा भी अकेला अलबेला फिर भी चमकते हैं दिन रात नहीं किसी का लेते हैं साथ एक अकेली ही है धरती घूमती रहती कभी न थकती अम्बर भी तो अकेला रहता है सबका वो आश्रय दाता है निडर वृक्ष भी खड़ा अकेला प्रकृति का है हर रूप अकेला जन्म लेता इंसान अकेला मरता भी है वो अकेला फिर क्यों है अफसोस कि हम हैं अकेले किसलिए है ये सोच किसी को साथ ले लें इस उलझन से सुलझ किरण इस चक्रव्यूह से अब निकल ना कर किसी से कोई आशा इस मृगतृष्णा से तू उबर -----किरण बाला #Main_akeli #nojoto #kavita #विचार #बात #life #motivation #tst #loneliness #kiranbala