किस्मत का दस्तूर था मैं कांटो पे चलने को मजबूर था,,मोहब्बत तो की थी मैंने,,वक़्त को दर्द मंजूर था. बेवफ़ाई की तड़प थी ना मेरा कोई कसूर था,रातें ग़मगीन थी क्योंकि किस्मत का दस्तूर था। #दस्तूर #loveshayari#urdushayari#punjabishayari Ruchika