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कैसे हो ऐतबार किसी का, जब दिल ही नही रहा तलबगार कि

कैसे हो ऐतबार किसी का,
जब दिल ही नही रहा तलबगार किसी का।

लोगो ने अपना बनाकर छला हैं हमे, हर बार,
क्या रिश्ते, क्या वफायें, जो बातें अपनेपन की करते थे,
उन्होने ही किया हैं, छुपके से पीठ पर वार।

बतओ तुम्ही , तुम भी कभी अपने बनते थे ना,
बताओ ना कैसे हो किसी पर ऐतबार........!!!!!!!!

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

#kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan कैसे हो ऐतबार किसी का,
जब दिल ही नही रहा तलबगार किसी का।

लोगो ने अपना बनाकर छला हैं हमे, हर बार,
क्या रिश्ते, क्या वफायें, जो बातें अपनेपन की करते थे,
उन्होने ही किया हैं, छुपके से पीठ पर वार।

बतओ तुम्ही , तुम भी कभी अपने बनते थे ना,
कैसे हो ऐतबार किसी का,
जब दिल ही नही रहा तलबगार किसी का।

लोगो ने अपना बनाकर छला हैं हमे, हर बार,
क्या रिश्ते, क्या वफायें, जो बातें अपनेपन की करते थे,
उन्होने ही किया हैं, छुपके से पीठ पर वार।

बतओ तुम्ही , तुम भी कभी अपने बनते थे ना,
बताओ ना कैसे हो किसी पर ऐतबार........!!!!!!!!

आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi

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जब दिल ही नही रहा तलबगार किसी का।

लोगो ने अपना बनाकर छला हैं हमे, हर बार,
क्या रिश्ते, क्या वफायें, जो बातें अपनेपन की करते थे,
उन्होने ही किया हैं, छुपके से पीठ पर वार।

बतओ तुम्ही , तुम भी कभी अपने बनते थे ना,

कैसे हो ऐतबार किसी का, जब दिल ही नही रहा तलबगार किसी का। लोगो ने अपना बनाकर छला हैं हमे, हर बार, क्या रिश्ते, क्या वफायें, जो बातें अपनेपन की करते थे, उन्होने ही किया हैं, छुपके से पीठ पर वार। बतओ तुम्ही , तुम भी कभी अपने बनते थे ना, #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan