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सीधा-साधा, भोला-भाला अक्ल से थोड़ा कच्चा हूँ, ऐसा

सीधा-साधा, भोला-भाला
अक्ल से थोड़ा कच्चा हूँ, 
ऐसा भी हूँ, वैसा भी हूँ,
पर माँ अब भी तेरा बच्चा हूँ l

बचपन की वो दूध मलाई 
और खिलाने की पकड़म-पकड़ाई,
आज मेरे को भूख नहीं माँ 
फिर भी रोटी चूर तू  लाई ? 

बचपन के वो खेल खिलौने 
दिन भी क्या थे वो सुहाने, 
वैसे तो नींद बहुत तेज़ है मुझे आई 
पर माँ, अभी तूने लोरी नहीं सुनाई l

काला टीका, काला धागा 
आँखों में भी काजल काला 
बुरी नज़र कभी लग ना पाए 
ऐसे माँ तूने मुझको पाला l

साठ बरस की इस उम्र में 
आज तेरी याद है आई 
अब आगे तेरे लिए क्या लिखूं माँ 
ये कलम भी अब तक समझ ना पाई l 
Dedicated to you maa 
सीधा-साधा, भोला-भाला
अक्ल से थोड़ा कच्चा हूँ, 
ऐसा भी हूँ, वैसा भी हूँ,
पर माँ अब भी तेरा बच्चा हूँ l

बचपन की वो दूध मलाई
सीधा-साधा, भोला-भाला
अक्ल से थोड़ा कच्चा हूँ, 
ऐसा भी हूँ, वैसा भी हूँ,
पर माँ अब भी तेरा बच्चा हूँ l

बचपन की वो दूध मलाई 
और खिलाने की पकड़म-पकड़ाई,
आज मेरे को भूख नहीं माँ 
फिर भी रोटी चूर तू  लाई ? 

बचपन के वो खेल खिलौने 
दिन भी क्या थे वो सुहाने, 
वैसे तो नींद बहुत तेज़ है मुझे आई 
पर माँ, अभी तूने लोरी नहीं सुनाई l

काला टीका, काला धागा 
आँखों में भी काजल काला 
बुरी नज़र कभी लग ना पाए 
ऐसे माँ तूने मुझको पाला l

साठ बरस की इस उम्र में 
आज तेरी याद है आई 
अब आगे तेरे लिए क्या लिखूं माँ 
ये कलम भी अब तक समझ ना पाई l 
Dedicated to you maa 
सीधा-साधा, भोला-भाला
अक्ल से थोड़ा कच्चा हूँ, 
ऐसा भी हूँ, वैसा भी हूँ,
पर माँ अब भी तेरा बच्चा हूँ l

बचपन की वो दूध मलाई