Nojoto: Largest Storytelling Platform

#OpenPoetry पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वत

#OpenPoetry पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना |
श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना ||

कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा |
यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा ||
पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना,
पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना ||

शिवम् सिंह सिसौदिया




बाल गंगाधर तिलक पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना |
श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना ||

कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा |
यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा ||
पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना,
पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना ||
#OpenPoetry पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना |
श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना ||

कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा |
यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा ||
पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना,
पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना ||

शिवम् सिंह सिसौदिया




बाल गंगाधर तिलक पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना |
श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना ||

कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा |
यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा ||
पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना,
पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना ||

पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना | श्वान नहीं तू सिंह है यौवन फिर क्यों परबंधन में रहना || कह गए तिलक तो आज़ादी है जन्मसिद्ध अधिक हमारा | यदि स्वतंत्र रहने में दुःख है फिर भी वह दुःख सबसे प्यारा || पराधीनता में रहकर तो सुख सौभाग्य भी न सहना, पराधीन नहिं सुख सपनेहूँ क्या आनंद स्वतंत्र का कहना || #OpenPoetry