Nojoto: Largest Storytelling Platform

*सुविचार* *Date-27/5/19* *Day-Monday* *🐜🐜🐜🐜*

*सुविचार*
*Date-27/5/19*
*Day-Monday*


*🐜🐜🐜🐜*.....

इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य... 
"प्रतीत" हो सकता है हम सब एक से हैं किंतु..... किंतु प्रत्येक "व्यक्ति" का "व्यक्तित्व", प्रत्येक "व्यक्ति" का "अस्तित्व" भिन्न है, और "सत्य" कहा जाए तो हर "व्यक्ति" का "भिन्न" होना ही हमें "प्रगति" की ओर ले जाता है... सोचिए यदि आपको किसी के साथ "हाथ" 🤝🏻 मिलाकर चलना है... तो आपको आपके सीधे ✋🏻"हाथ" से उसका उल्टा🤚🏻 "हाथ" पकड़कर चलना होता है... यही "नियम" है जो इस "सृष्टि"(संसार) ने बनाए हैं
"भिन्नता" .... इस "भिन्नता" को "वरदान" मान कर चलिए इसमें कोई बुराई नहीं.....

Bý-Åťüľ Şhãřmå 🖊️🖋️✨✨ *सुविचार*
*Date-27/5/19*
*Day-Monday*


*🐜🐜🐜🐜*.....

इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य...
*सुविचार*
*Date-27/5/19*
*Day-Monday*


*🐜🐜🐜🐜*.....

इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य... 
"प्रतीत" हो सकता है हम सब एक से हैं किंतु..... किंतु प्रत्येक "व्यक्ति" का "व्यक्तित्व", प्रत्येक "व्यक्ति" का "अस्तित्व" भिन्न है, और "सत्य" कहा जाए तो हर "व्यक्ति" का "भिन्न" होना ही हमें "प्रगति" की ओर ले जाता है... सोचिए यदि आपको किसी के साथ "हाथ" 🤝🏻 मिलाकर चलना है... तो आपको आपके सीधे ✋🏻"हाथ" से उसका उल्टा🤚🏻 "हाथ" पकड़कर चलना होता है... यही "नियम" है जो इस "सृष्टि"(संसार) ने बनाए हैं
"भिन्नता" .... इस "भिन्नता" को "वरदान" मान कर चलिए इसमें कोई बुराई नहीं.....

Bý-Åťüľ Şhãřmå 🖊️🖋️✨✨ *सुविचार*
*Date-27/5/19*
*Day-Monday*


*🐜🐜🐜🐜*.....

इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य...
atulsharma6011

Atul Sharma

New Creator

*सुविचार* *Date-27/5/19* *Day-Monday* *🐜🐜🐜🐜*..... इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य...