*सुविचार*
*Date-27/5/19*
*Day-Monday*
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इन "चीटियों" को देख रहे हैं आप.... सभी "एक-जैसी" हैं एक दूसरे में "अंतर" 🤔 बताना "असंभव" है मानो कि इनका अपना "भिन्न-भिन्न" "अस्तित्व" है ही नहीं... किंतु यदि आप "ध्यान" से देखें तो हर "चीटी" 🐜की अपनी-अपनी भिन्न-भिन्न "कार्य-शैलि" है,अपना भिन्न-भिन्न "अस्तित्व" है...कोई "घर" बनाने के लिए "मिट्टी" लाने में सक्षम,कोई "गड्ढा" बनाने में सक्षम,कोई "भोजन" ढूंढने में सक्षम,तो कोई "भोजन" लाने में सक्षम,... तो इसी प्रकार होते हैं हम मनुष्य...