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सह जाए जो प्राकृतिक की मार पथिक और मुँह से उफ्फ तक

सह जाए जो प्राकृतिक की मार पथिक और मुँह से उफ्फ तक न बोले,
चाहे आये कितनी भी कठिन चुनौती फिर भी हिम्मत न डोले।
अडिग रहे जिसकी आस्था ईश्वर में हो जब अटूट भक्ति,
जागेगी इंसानियत तब और वही वक़्त है जिंदगी बदल सकती। #pal
सह जाए जो प्राकृतिक की मार पथिक और मुँह से उफ्फ तक न बोले,
चाहे आये कितनी भी कठिन चुनौती फिर भी हिम्मत न डोले।
अडिग रहे जिसकी आस्था ईश्वर में हो जब अटूट भक्ति,
जागेगी इंसानियत तब और वही वक़्त है जिंदगी बदल सकती। #pal