अपना और पराया किसको कहूं मैं अपना किसको कहूं पराया हर एक शख्स ने हैं दिल मेरा दुखआया हमदर्द बन के सबने है दर्द को बढ़ाया दिल को सुकून माता चरणों में तेरे आया मुझको नहीं जरूरत की कोई मुझको समझे तू जानती है मुझको यह बात ही बहुत है मैं पापी हूं या कपटी यह जानती तू ही है मैं हारा जब भी माता तूने गले लगाया किसको कहूं मैं अपना किसको कहूं पराया #किसको_कहूं_मैं_अपना_किसको_कहूं___पराया