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"खूनी कलम,मेरी कसम" भाग~१ चहकती चिड़ियाँ और सांय~

"खूनी कलम,मेरी कसम"

भाग~१

चहकती चिड़ियाँ और सांय~सांय चलती हवाएँ, रात १२ बजे, मैं और अंजली  फुन पर बात 
कर रहे थे. वो हॉस्टल में पढ़ती थी तो उसे किसी का डर तो था नही,
मैं अपने गाँव आया था,घर पे बात करना सम्भव नही था, मैं घर से थोड़ी दूर शौच के बहाने चला गया,,
वो खुश थी, क्योंकि बहुत दिनों बाद बात कर रहे थे,वो एग्जाम में व्यस्त थी इसलिए,,
मैं सड़क पे बैठा किर्र~किर्र दाँतो से आवाज कर रहा था,,
और आंखों में अजीब-अजीब दृश्य बन रहे थे,,मुझे अकेले डर लग रहा था,मैं तब से दस बार कह चुका था कि कल बात करते हैं सुबह, लेकिन वो बार बार साथ साथ हनुमान चालीसा पढ़ने को कहती... कभी मुझे चिढ़ाती, कभी हंसती, कभी गुनगुनाती, कभी जोक्स सुनाती,,
अचानक मुझे घर से पापा आते दिखाई दिए,मेरी सिट्टी-पिट्टी गुप्,मैंने फुन जेब मे रखा और मैं शौच जैसा बैठ गया,,एकतरफ मुझे शक हो रहा था कि पापा ही हैं या कोई भटकी आत्मा,, दूसरी तरफ सोच रहस था कि अगर पापा हुये तो दिमाग सारा भूत झाड दिया जाएगा,,अंजली ने फुन रखकर फिर लगा दिया फुन की रिंगटोन बजने लगी,,"तुम आये तो आया मुझे याद, गली मर आज चाँद निकला"..
मैं अकबकया  और फिर फुन जेब से निकाला, कॉल कट कर दी मैंने और
 फिर फुन स्विचड ऑफ कर दिया,,पापा सामने खड़े थे मैं पसीने से लतपथ था...
      
continue...... "खूनी क़लम,मेरी क़सम"
#writer #hindi #story #instagram #wow #nice #good #like #comment
"खूनी कलम,मेरी कसम"

भाग~१

चहकती चिड़ियाँ और सांय~सांय चलती हवाएँ, रात १२ बजे, मैं और अंजली  फुन पर बात 
कर रहे थे. वो हॉस्टल में पढ़ती थी तो उसे किसी का डर तो था नही,
मैं अपने गाँव आया था,घर पे बात करना सम्भव नही था, मैं घर से थोड़ी दूर शौच के बहाने चला गया,,
वो खुश थी, क्योंकि बहुत दिनों बाद बात कर रहे थे,वो एग्जाम में व्यस्त थी इसलिए,,
मैं सड़क पे बैठा किर्र~किर्र दाँतो से आवाज कर रहा था,,
और आंखों में अजीब-अजीब दृश्य बन रहे थे,,मुझे अकेले डर लग रहा था,मैं तब से दस बार कह चुका था कि कल बात करते हैं सुबह, लेकिन वो बार बार साथ साथ हनुमान चालीसा पढ़ने को कहती... कभी मुझे चिढ़ाती, कभी हंसती, कभी गुनगुनाती, कभी जोक्स सुनाती,,
अचानक मुझे घर से पापा आते दिखाई दिए,मेरी सिट्टी-पिट्टी गुप्,मैंने फुन जेब मे रखा और मैं शौच जैसा बैठ गया,,एकतरफ मुझे शक हो रहा था कि पापा ही हैं या कोई भटकी आत्मा,, दूसरी तरफ सोच रहस था कि अगर पापा हुये तो दिमाग सारा भूत झाड दिया जाएगा,,अंजली ने फुन रखकर फिर लगा दिया फुन की रिंगटोन बजने लगी,,"तुम आये तो आया मुझे याद, गली मर आज चाँद निकला"..
मैं अकबकया  और फिर फुन जेब से निकाला, कॉल कट कर दी मैंने और
 फिर फुन स्विचड ऑफ कर दिया,,पापा सामने खड़े थे मैं पसीने से लतपथ था...
      
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