मई जून सा मिज़ाज उसका मेरी ज़िंदगी दिसंबर सी कैसे बचे. हम तो ठहरे नादान से शायर उस पूरी किताब से कैसे बचें. बड़ी लंबी भीड़ है उसके चाहने वालों की,,इस फ़क़ीर की फरियाद कोई कैसे सुने. बड़ी आग है उसके गुस्से में,,मेरी छोटी सी गरीब झोंपड़ी जलने से कैसे बचे. डर लगता है कोई मार ना दे पत्थर उठा के,,ये काँच सा दिल है मेरा टूटने से कैसे बचे. #life#december#nojotonews#nojotoapp#poetry#nojotohindi#quotes ज़िन्दगी दिसंबर सी--Title (मई जून सा मिज़ाज उसका)✍️6.1aman💥💥 Ruchika kaur B 😊😊