उलझन एक अजीब सी उलझन है जैसे लग रहा है। मैं तेरे से दूर जा रही हूं या फिर तु मुझसे दूर जा रहा है। दिल और मन को बार-बार समझा रही हूं, पर ओ नादान समझ ही नहीं रहा है।