इस रंग में क्या रखा है साहब ? 'ना हो गोरा न हो काला 'बन्दा/बन्दी बस हो दिलवाला। कभी तुम खुद से भी सवाल क्यों करते हो, कभी तुम खुद पर भी मलाल क्यों करते हो, तेरा सांवला रंग बस इत्तेफाक है ना कहो किस्मत का खेल है, बस सोच लो जैसे सब है वैसे अपना भी सांवले रंग से मेल है। ............ आशुतोष शुक्ल (उत्प्रेरक) ©ashutosh6665 #MereKhayaal #poet #poems #poetryinhindi