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जन्म देने थे बच्चों को वो तिनका तिनका जोड़ घोंसला

जन्म देने थे बच्चों को 
वो तिनका तिनका जोड़
घोंसला अपना बनाती रही
तीन चार अंडे थे उसके
जो मोती सी बिखर रही
जिन्हें पंखों को पसार के 
रात दिन वो सेती रही
मुँह से ला के दानों के
बच्चों को चुगाती रही
पंख फैलना सीख रहे बच्चे
पंखों को उड़ान वो देती रही
जब चिड़िया बन उड़ना सीखा
माँ खुद पेड़ बन बैठी रही
अपना आसमान ढूंढ़ लिया उन्होंने
हुआ नया घोंसला तैयार
माँ पुराने घोसलों में इंतजार करती रही
माँ पुराने घोसलों में इंतजार करती रही
जन्म देने थे बच्चों को 
वो तिनका तिनका जोड़
घोंसला अपना बनाती रही
तीन चार अंडे थे उसके
जो मोती सी बिखर रही
जिन्हें पंखों को पसार के 
रात दिन वो सेती रही
मुँह से ला के दानों के
बच्चों को चुगाती रही
पंख फैलना सीख रहे बच्चे
पंखों को उड़ान वो देती रही
जब चिड़िया बन उड़ना सीखा
माँ खुद पेड़ बन बैठी रही
अपना आसमान ढूंढ़ लिया उन्होंने
हुआ नया घोंसला तैयार
माँ पुराने घोसलों में इंतजार करती रही
माँ पुराने घोसलों में इंतजार करती रही