मजहबों से इंसानियत को जुदा करना । मुझे आता नहीं पत्थरों को खुदा करना ।। मैं गुनहगार हूँ तो हर सजा है मंजुर मुझे, बेदाग तुम हो तो ही मुझपे फैसला करना ।। वो हर सिम्त है, मंदिर और मस्जिद क्या, हर जगह उसे मुमकिन है सजदा करना ।। मजहबों से इंसानियत को जुदा करना । #mukeshguptaquotes #lovequote #love #shayari #bestshayari khushi kumawat.. 😊