वो पैर मैं उनके कैसे छू जो रात में मुझको ही पड़ते हो वो आँख में सम्मान मैं उनके लिए कैसे लाउ जो आँख मेरे बदन को ही निहारते हो वो फ़ूल बताओ मैं उन्हें कैसे दु जो फ़ूल को अपने हाथों से मसलता हो ©Sandeep Dwivedi एक पीड़ा औरत की !! #adishakti Neha dwivedi -jhalak_ameta..... Bikhre shubad monika