ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गयी , जिन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी । एक मैं एक तुम और हमारा ये दिल , जिन्दगी बस आधी बची रह गयी । इस दिल में तुम्हारी कमी रह गयी । रात की भींगी भींगी छ़तो की तरह मेरी आँखो में थोड़ी नमी रह गयी जिन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी । मैने रोका नहीं वो चला भी गया मुड़ मुड़ कर दुर तक देखता रह गया जब चली थी तो धुप ही धुप थी , आते आते इधर चाँदनी रह गयी । ये कसक दिल की दिल में चुभी रह गयी , जिन्दगी में तुम्हारी कमी रह गयी । ( रिया सिंह ) कमी