शीर्षक:— हे महात्मा
हे महात्मा तुम अडिग अजेय जिसने अंग्रेजों को ललकारा
हे अहिंसा के पुजारी तुम को नमन हमारा
झुका दिया तुमने उनको अपने स्वदेशी विचारों से
आजादी का स्वप्न सत्य , किया बिना तीर तलवारों से
गोरों का घमंड तुमने तोड़ा अपने बल से
सत्य तुम्हारा विजयी रहा सदैव फिरंगियों के छल से #कविता