न स्वप्न स्वयं के अल्प हों.. चाहे मुश्किलें पर्यन्त हों.. न राग हों, न द्वेष हों.. किरदार बस संघर्ष हो.. सपनों की ही सेज हो, अन्तर्मन की खोज हो.. लोचनों में मर्म हो.. श्रेष्ठ जीवन कर्म हो.. हों गलत जब, तो खेद हो, आदर्श ,गीता वेद हो.. गगनचुंबी सी उड़ान हो, मुट्ठी में आसमान हो.. जीवन की यही रीत हो.. निज कथा जीव की प्रीत हो... ©Prãshãñt Rāghûwåñshí #Motivation #Life #my #Love #shayri #Nojoto @ ✍..Parth Mishra